3.Very Sad Story Love in Hindi | College True Love Story Hindi

Very Emotional Heart Touching Breakup Love Story in Hindi | Sad Story in Hindi for Life

3.Very Sad Story Love in Hindi | True Love Story Hindi
Very Sad Story Love in Hindi | True Love Story Hindi

कहानी का शीर्षक है :-  दूसरी शादी  (Final) Read First –Part-1

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Heart touching sad love story in Hindi(Sad Story)

 

एक दिन वो ऑफ़िस पहुंचा तो उसके सैक्शन में पार्टी का माहौल था। नाज़नीन का जन्मदिन था। वो ऑफ़िस के नीचे से वाइट रोज़ेज़ का गुलदस्ता ले आया और नाज़नीन के केबिन में जाकर बोला, “हैप्पी बर्थडे, सॉरी मुझे पता नहीं था।” नाज़नीन ने कहा, “थैंक्यू। शायद जिसको सबसे ज़्यादा पता होना चाहिए था उसको भी नहीं पता था। क्या इतना मुश्किल होता है एक हस्बैंड के लिए अपनी वाइफ़ का बर्थडे याद रख पाना।

सुबह मुस्कराते हुए उसे एक फूल देना और हैप्पी बर्थडे कहना? दफ़्तर से जल्दी आने का वादा करना? यूं नो कुमार मैंने अशरफ़ से कहा आज हम लोग कहीं डिनर पर चलेंगे क्या कहता है? हम वीकेंड पर तुम्हारा जन्मदिन सैलिब्रेट कर लेंगे। आज उसकी कोई इंपॉर्टेट मीटिंग है। जो ऊपरवाले ने फ़ैसला करके भेजा था उसे आज एक क्लाइंट ने बदल दिया था। मेरा बर्थडे ही चेंज कर दिया। ”

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कुमार सुन रहा था और उसको लग रहा था जैसे उसकी अपनी ज़िंदगी के फ़ोटो फ्रेंम उसकी आंखों के सामने चल रहे थे। पिछले दस सालों में शायद पांच बार अनु के बर्थडे की शाम को वो किसी अनजान अनइंपॉर्टेट आदमी के साथ बिज़नेस की कोई फ़िजूल बात कर रहा होता था। क्‍या इतना मुश्किल था उसके लिए अपनी वाइफ़ का बर्थडे याद रख पाना? सुबह उसको मुस्कराकर एक फूल देना? हैप्पी बर्थडे कहना? दफ़्तर से जल्दी आने का वादा कला?

दोस्तों यही होता है अक्सर जब, रिश्तों में घुत्त लोगों को रिश्तों से वो पहले जैसा नशा नहीं मिलता। जब अपने लिए सबसे ज़रूरी लोगों को हम इतना फ़ोर ग्रांटेड ले लेते हैं कि गैर-ज़रूरी लोग उनसे बहुत ज़्यादा ज़रूरी बन जाते हैं। नाज़नीन की ख़ाली-ख़ाली ज़िंदगी सिर्फ़ एक दोस्त की बताई हुई कहानी नहीं थी। एक आईना थी। कुमार की अपनी खोखली दीमक खाई हुई, बिन बात पर तन्हा हो गई ज़िंदगी का।

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अगले दिन घर पर कुमार और दिनों से भी ज़्यादा चुप था। दाढ़ी बनाते-बनाते रुक गया। बड़ी देर तक ख़ुद को सामने आईने में देखता रहा। शायद उस अक्स को देख रहा था, जो बहुत पहले एक नदी के किनारे सीढ़ियों के पास दफ़न करके आ गया था। बाहर बच्चों की आवाज़ें आ रहीं थी। अनु नाश्ते के लिए बुला रही थी। कुमार को नाज़नीन की कही हुई सब बातें याद आ रही थी। जब किसी मामूली बात पर तुनक के अशरफ़ ने उससे दो दिन तक बात नहीं की थी।

जब मेहमानों के सामने अशरफ़ ने उसे झिड़क दिया था। ऐसा लग रहा था जैसे नाज़नीन कुमार को उसी की अपनी कहानी सुना रही हो। वो अशरफ थोड़ी था। वो तो कुमार था। ये रिश्ता एक मांस का लोथड़ा बन गया था, जो वो अपने साथ घसीट रहा था। कुमार जानता था कि फ़ैसले की घड़ी आ गई थी। अब या तो दवा कलने का वक़्त था या इस रिश्ते को काटकर फेंकने देने का।

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वो दफ़्तर पहुंचा। लंच के बाद नाज़नीन उसके केबिन में आई और बोली, “मैं थक गई हूं कुमार बहुत कोशिश की पर अशरफ़ और मेरा रिश्ता शायद कब का ख़त्म हो चुका था। अब मैंने और उसने इस पर कोर्ट की मुहर लगाने का भी फैसला कर लिया है। तुम वो ग़लतियां मत करना जो अशरफ़ ने की। अपने रिश्ते को बचा लो प्लीज़। ” कुमार ने मेज़ पर पड़े काग़ज़ के दो पन्‍नों को देखा और नाज़नीन से कहा, “तुमने देर कर दी सलाह देने में नाज़नीन, मैं अपना फैसला पहले ही कर चुका हूं।

” याद शहर की फ़्लाइट सुबह नौ बजकर तीस मिनट पर थी। फ़ैमिली कोर्ट में शाम चार बजे आने को कहा था। घर से एयरपोर्ट तक कुमार और अनु एक शब्द भी नहीं बोले। कुमार के चेहरे पर कोई भाव नहीं था। फ़्लाइट से उतरी, टैक्सी में बैठे। एयरपोर्ट से उनके घर की ओर जाने वाली सड़क से टैक्सी बाएं मुड़ गई। अनु ने कहा, “ये किघर जा रहे हैं?”

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गाड़ी अच्छी चौड़ी एम.जी.रोड पर फर्राटे से चली जा रही थी। सिविल लाइंस के बग़ल से बाएं मुड़ी और क़रीब दस मिनट में याद शहर के बाहर, नदी के किनारे बनी सीढ़ियों के पास पहुंच गई। कुमार उतरा उसने अनु को गले से लगा लिया। बोला, “आई एम सॉरी, मैं बदल गया था, मुझे फिर से वैसा ही बनना है। हैल्प कर दो मेरी। हमने यहीं से की थी ना अपने रिश्ते की शुरुआत? चलो फिर एक नई शुरुआत करते हैं।

हैप्पी बर्थडे अनु।” अनु और कुमार नदी के पानी में अपने पांव डालकर बैठ गए। हाथों में हाथ और आंखों में डूबता सूरज। दोनों एक-दूसरे को ख़ामोशी से देखते रहे। फिर कुमार बोला, “कम से कम अब तो मेरा हाथ कसकर पकड़ सकती हो। तीन घंटे में कोर्ट में हमारी दूसरी शादी है। ” बस इतनी सी थी यह Hindi Kahani …

यह था इस Heart touching short Hindi Kahani का आखरी हिस्सा।

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