1True Story-Best hindi moral stories | True family stories in hindi

1.Best Hindi moral stories | True family stories in Hindi | Hindi love story in short

 

1.Best hindi moral stories | True family stories in hindi-story
Best Hindi moral stories | True family stories in Hindi

कहानी का शीर्षक है :-  जीते हैं शान से (Part-1) 

Read also:- रोमांटिक लव स्टोरी इन हिन्दी 

Heart touching Family story in Hindi(family stories)

 

लाल हो या ग्रे, काली हो या सफ़ेद, नई गाड़ी किस रंग की हो इस पर पता नहीं कितने दिनों से मल्होत्रा परिवार में बहस छिड़ी हुई थी। चार लोगों के परिवार में जिसमें मिस्टर और मिसिज़ मल्होत्रा के अलावा उनका 18 साल का बेटा साहिल और 16 साल की बेटी सिमरन थी। उस परिवार में नई कार के रंग का फ़ैसला एक पेंडुलम की तरह सुबह-शाम इधर-उधर होता रहता था, सुबह जब मल्होत्रा साहब दफ़्तर के लिए निकलते थे तो कहो सफ़ेद पर बात सैटल हो गई है और जब वापस आते ये तो मामला लाल की ओर झुकता दिखाई देता था।

Short stories about family relationships in Hindi

 

उनका बेटा साहिल उन सबसे बड़ा खीझ रहा था। उसका 18वां जन्मदिन आ रहा था और उसके पापा ने ये कहकर ख़ुश कर दिया था कि कार उसके लिए जन्मदिन का तोहफ़ा थी। उसके बाद वैसे भी आईआईटी के एग्ज़ाम का काउंटडाउन शुरू हो रहा था। पिछले साल नहीं निकल पाया था। इसलिए इस साल प्रैशर दोगुना था।

वो पहले ही नई गाड़ी के मज़े ले लेना चाहता था। आख़िर अब धीरे-धीरे उसके मिडिल क्लास परिवार को अपर क्लास परिवार में गिना जाने लगा था।

Read also- True Love Story Hindi

कुछ रुतबा तो ज़रूरी था 18वें बर्थडे के दिन उसका चौड़ा प्लान था। लॉन्ग ड्राइव, दोस्तों के साथ डिनर ख़ासकर अपनी ख़ास फ्रेंड रुक्मिनी के साथ। रुक्मिनी कॉलेज के दिल की घड़कन थी। साहिल के दिल की भी, पर वो आज तक उससे कुछ कह नहीं पाया था। साहिल के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था लेकिन उसकी फ़िक्र करने की कोई ज़रूरत नहीं थी। मिस्टर मल्होत्रा असल में एक सरकारी अफ़सर थे, जो शहर भर के लाइसेंस बनने की मंज़ूरी देते थे। तो जल्दी ही लाइसेंस बनकर घर आ गया और उसके बाद कार के रंग पर जंग भी थम गई।

Hindi love story in short

 

साहिल के बर्थडे के दिन वो और मिस्टर मल्होत्रा शोरूम पहुंचे एक बढ़िया काली गाड़ी की डिलीवरी लेने के लिए गए। वापसी में मल्होत्रा साहब बेटे से बोले, “साहिल जब मैं तेरी उम्र का था तो स्कूटर पर भी नहीं बैठा था। मैं ये सब तुम लोगों के लिए कर रहा हूं बेटा मन लगाकर पढ़ना और मेरी नाक मत कटाना। एक ओहदा है याद मेरा शहर में। ” गाड़ी दरवाज़े पर पहुंची। एक छोटा-सा सेलिब्रेशन वही चालू हो गया। साहिल के सारे फ्रेंडस आ गए थे, गिफ्ट लेकर।

केक काटा गया, गाने गाए गए और फिर साहिल एक दो घंटे के बाद गाड़ी लेकर चल पड़ा फ्रैंडस के साथ सेलिब्रेट करने। मज़े के प्रैजेंट्स लाये थे साहिल के दोस्त। गाड़ी में बैठ के प्रेजेंट्स पीछे रखकर सब चल दिए।

hindi love story

इसे भी पढ़े-   इन सबकी ज़िंदगी में एक धागा था, जो इन सबको जोड़ता था। उनकी बिल्डिंग का तीस साल का लिफ़्टमैन श्याम।

अंधेरे में ख़ूबसूरत नई गाड़ी ऐसी लग रही थी, जैसे रात के समंदर में एक जहाज़ उतर आया हो सिर्फ़ उसकी रोशनियां अंधेरों में जगमगातीं जैसे कोई बड़ी हीरो जड़ित अंगूठी सड़क पर दौड़ती चली जा रही हो। साहिल विश्वास नहीं कर पा रहा था कि उसके सपनों की कार का स्टेयरिंग आख़िरकार उसके हाथों में था। उसके दोस्त सब अच्छे-अच्छे घरों से थे सब अपने अलग-अलग प्रैजेंट्स तो लाए ही थे, उन्होंने बहुत सारे पैसे जोड़कर एक महंगी ख़ूबसूरत घड़ी भी साहिलको गिफ़्ट की थी।

अपने-अपने सपनों को सच करने की तैयारी कर रहे थे सब। एक-दूसरे के बड़े क़रीबी थे। ख़ुशियां, तकलीफें समझते थे। इस साल साहिल की ज़िंदगी का सबसे अच्छा साल होने वाला था, ऐसा उसने और उन्होंने अपने आप कनविंस कर रखा था। उसे यक़ीन था कि रुक्मिनी अपनी अनकही हां को आख़िरकार ख़ुद जाहिर कर देगी और वो इतनी मेहनत करेगा कि आईआईटी में निकल जाएगा, फिर विदेश जाने का सपना भी पूरा हो जाएगा।

hindi love story status

 

साहिल की ज़िंदगी का ज़िग्शोव कोई मुश्किल नहीं था। उसमें बस थोड़े से ही टुकड़े थे और उसे लग रहा था कि अब वो सब अपनी जगह जुड़ रहे थे, साहिल एक क़ाबिल लड़का था। अपने क्लास में अव्वल आता था हमेशा, और इसके ऊपर से क़िस्मत का भी उसके सिर पर हमेशा साथ रहा था। सिर्फ़ काबिलियत से ही दुनिया में कहां गुज़ारा होता है। कार फर्राटे से चली जा रही थी। कार शहर के बाहर निकलकर हाईवे पर आ चुकी थी म्यूज़िक बज रहा था जैसे कोई ख़ूबसूरत चिड़िया बादलों के बीच चली जा रही हो, ऐसे साहिल की गाड़ी चली जा रही थी।

रुक्मिनी बोली, “अब वापस चलें देर हो गई है।” साहिल ने सामने देखते हुए कहा, “अब वापस? हम तो सुबह घर जाने वाले हैं। ” “व्हाट?” रुक्मिनी बोली, “मुझे क्‍यों नहीं बताया तुमने साहिल। मैं उस तरह की फ़ैमिली से नहीं हूं। तुम्हारा जन्मदिन है इसलिए देर हो जाएगी ऐसा बोलकर आई हूं लेकिन ॥, ॥:30 के बाद नहीं रुक सकती। तुम चाहो तो कंज़रवेटिव समझ सकते हो मुझे। ”

moral of the story the golden touch

साहिल झेंप गया उसका ध्यान रोड पर नहीं था। वो रेयर व्यू मिरर में रुक्मिनी को देख रहा था। उसने अचानक एक सिग्नल जंप किया, सामने आते एक ट्रक से बचने के लिए ज़ोर से लेफ़्ट को काटा, गाड़ी तेज़ स्पीड में थी एक तरफ़ तिरछी हो गई। सड़क के किनारे खड़ी एक छोटी कार से टकराते हुए पलटते-पलटते ज़रा-सी बची और कुछ मीटर आगे जाकर ज़ोर से ब्रेक की आवाज़ के साथ रुक गई। एक पल में उस शाम की ख़ुशियां एक शीशे की तरह किर्चा-किर्चा  बिखर गई थीं।…to be continued…Part-2

कहानी अभी बाकी है मेरे दोस्त…

Read more Stories- True Sad Stories about love and death

दोस्तों आपको हमारी(Heart touching Moral story in Hindi)कहानियाँ  कैसी लग रही हैं हमें मेंट करके ज़रूर बताएं और अपने दोस्तों के साथ इस कहानी को ज़रूर शेयर करें।

A heart touching story with moral and inspirational

मेरे बारे में अधिक जानने के लिए हमें Follow करें ।

आपका दिन शुभ हो।

Leave a Comment