Short Moral stories about family relationships in hindi | रियल लाइफ ट्रू लव स्टोरी 2021

रियल लाइफ ट्रू लव स्टोरी | Sad family stories in Hindi | short motivational stories with moral

Short Moral stories about family relationships in hindi | रियल लाइफ ट्रू लव स्टोरी
Short Moral stories about family relationships in hindi | रियल लाइफ ट्रू लव स्टोरी
कहानी का शीर्षक है :- अलमारी

मूवर्स एंड पैकर्स, जैसा कि दस्तूर है, सवा दो घंटे की देरी से पहुंचे। आदमी कम थे, सामान ज़्यादा। आख़िर पिछले दस सालों में ख़रीदी हुई हज़ारों चीजें डिब्बों में पैक करनी थीं! रेणु ने कहा, “कबाड़ इकट्ठा करने की तुम्हारी पुरानी आदत है। हर अलमारी, हर डिब्बा खोलकर देख लो। नए घर में सिर्फ़ वही जाएगा, जो काम का है। बाक़ी सब कबाड़ी के काम का है।” हम बेशक नए घर जा रहे थे, पर बीवी तो पुरानी थी! ऑर्डर इज़ ऑर्डर! मैं श्रद्धापूर्वक अलमारियों की जांच में लग गया। बच्चे दौड़ते हुऐ आए और बोले, “नए घर में बड़ी सी बालकनी भी है।”

बेटे और बेटी की हंसी का ठप्पा लग गया, यानी दुनिया गुलज़ार हो गई। मैंने बच्चों को देखा और सोचा, सबकुछ तो है मेरे पास। नौकरी में तरक़्क़ी हो गई है, नया घर ले लिया है और नई गाड़ी लेने के लिए रोज़ घर में हाई लेवल पीस नेगोसिएशन चल रही हैं। motivational stories with moral

New moral stories in Hindi

Read Also:- Heart touching story hindi

मूवर्स और पैकर्स ने अपना काम चालू कर दिया। एक ने, कमरे के एक नए कोने को देखकर कहा, “सर इस अलमारी का क्या करना है?” हर छठे महीने हम मियां बीवी के बीच ये एक सवाल अक्सर उठ खड़ा होता है। वो आज फिर इस कमरे में गूंज रहा था।motivational stories with moral

“इस अलमारी का क्या करना है” अगले छह घंटे मूवर्स एंड पैकर्स महाभारत के सिपाहियों की तरह दर्जनों लड़ाइयां लड़ते रहे। अंकुर की एथलेटिक ट्रॉफ़ी की टोपी डिब्बे में फिट नहीं आ रही थी। अंकिता की साइकिल का स्टैंड तीर की तरह पैकिंग से बाहर निकला जा रहा था।

क्रॉकरी की पैकिंग नुक्ताचीनी की चैम्पियन, मेरी बीवी के मन की नहीं हो रही थी। मोज़ों के जोड़ीदार बिछड़ गए थे और मुझे सिगरेट की तलब हो रही थी और साथ ही साथ शक भी कि कहीं ने मेरा क्रिस्टल ऐशट्रे किसी डिब्बे में छिपा के तो नहीं रख दिया। ऐसे कोलाहल में जब सबका ब्लडप्रेशर ऊपर पहुंच गया था तो एक ही शख़्स ख़ामोश बिना टेंशन के खड़ा था। वही सात फुट ऊंची, साल की लकड़ी से बनी अलमारी। मज़दूर ने फिर से पूछा, “सर इस अलमारी का क्या किसी मज़दूर करना है?”

Read Also:- मोस्ट रोमांटिक लव स्टोरी इन हिंदी

moral stories for adults in Hindi

motivational stories with moral

सच पूछो तो मैं भी कभी जान ही नहीं पाया था कि इस अलमारी का करना क्या है? मेरे दादा जी ने अपने स्टूडेंट डेज़ में इसे ख़रीदा था। जब पापा स्टूडेंट हुए तो उन्हें मिली और फिर मुझे। मज़दूर ने कहा, “सर पूरा नाप लिया है। ये सात फुट की अलमारी है। ना तो ये आपके नए मकान की सीढ़ियों से ऊपर जाएगी और ना आपके दरवाज़े से अंदर घुस पाएगी।’motivational stories with moral

Read Also:- मोस्ट रोमांटिक लव स्टोरी इन हिंदी

रेणु झुंझलाते हुए अंदर आई और बोली, “आज इस अलमारी का फ़ैसला करना ही होगा।” मैंने दादा जी की विरासत को देखा और एक लंबी सांस ली। मज़दूरों के कॉन्ट्रेक्टर से कहा, “बॉस, किसी कबाड़ी को जानते हो जो ये अलमारी ख़रीद सके?” मैंने रेणु से कहा, “कम से कम इसकी चाबी तो दे दो। आख़री बार देख लूं कि इसमें है क्या?” अलमारी का दरवाज़ा, ज़ोर से आवाज़ करके ऐसे खुला, जैसे वर्षों पुराना कोई राज़ एक मंत्र फूंकने से खुल गया  हो।

अंदर मेरे दादा जी और पिताजी की यादों की महक थी। पीले पड़ गए पन्नोंवाली किताबें थीं, पुराने फ़ोटो एलबम थे, दादी की चूड़ियां रखने का छोटा सा बक्सा था। एक पानदान था जिसमें दादी का सरोता था और उससे काटी गई कुछ सुपारी के टुकड़े।

Inspirational moral stories

 

रामचरितमानस रखने का स्टैंड था, जिस पर अक्सर पिताजी सुंदरकांड पढ़ा करते थे। मां की सिंदूर की डिब्बी थी जो वो अपनी विदाई के वक़्त अपने घर से लाई थीं। जो वर्षों पहले खो गई थी और महीनों हम उसे ढूंढ़ते फिरे थे। भूरे गत्ते की वो फ़ाइल भी थी जिसमें गांव की प्रॉपर्टी के वो काग़ज़ थे जिनको लेकर पिताजी और उनके तीन भाइयों में मनमुटाव हो गया था। पिताजी ने आख़िर कहा था, “नहीं चाहिए मुझे ये ज़मीन। काग़ज़ के पन्ने रिश्तों से ज़्यादा ज़रूरी नहीं हैं मेरे लिए।”

Read Also:- मोस्ट रोमांटिक लव स्टोरी इन हिंदी

motivational stories with moral

सूती कपड़े का एक बंडल था, जिसमें मेरी चिट्ठियां थीं जो मैंने इंजीनियरिंग कॉलेज से लिखी थीं। मैं जानता था कि रेणु इंतज़ार कर रही थी कि कब मैं इस अलमारी का सामान रद्दी में फेंक दूं, कब कबाड़ी इस लकड़ी के पिंजर को ले जाए। ग़लती उसकी नहीं थी। मैंने उसे बताया नहीं था कि जो बीत गया उससे मेरा कोई रिश्ता भी था। रेणु ने पूछा, “कुछ मिला?” मैंने कहा, “पांच मिनट दो यार। तीन पुश्तों की यादें बंद हैं इसमें।”motivational stories with moral

कमबख़्त मजदूर जैसे सर पर सवार थे। फिर पूछने चले आए, “सर, लंच का टाइम हो रहा है। इस अलमारी का क्या करना है?” कुछ देर बाद ऊब के सब लोग कमरे से चले गए। मज़दूर खाना खाने और रेणु किसी और कमरे में कुछ करने, और कमरे मैं और अलमारी अकेले आमने-सामने खड़े थे, एकदम वैसे ही जैसे 15 साल पहले मैं और पिताजी मानसून की एक दोपहरी में आमने-सामने गुस्से में तमतमाए खड़े थे।

उस रोज़ उस कमरे में शब्द नहीं थे, बस एक दहकती हुई ख़ामोशी थी। मैं और मेरे पिताजी जैसे ज़िंदगी के प्लेटफ़ॉर्म पर एक-एक छोर पर, प्लेटफ़ॉर्म के सामने अगल-बग़ल चल रही पटरियों की तरह। हम इस घर में साथ-साथ तो थे, पर मैं जानता था कि हम कभी मिल नहीं सकते थे। मेरी जिंदगी क्या हो, मेरा रास्ता कौन-सा हो, मैं किससे शादी करूं, इस सबमें मैं और वो कभी एक राय नहीं बना पाएं।motivational stories with moral

Read Also:- मोस्ट रोमांटिक लव स्टोरी इन हिंदी

Moral love stories in Hindi

 

मैं उस मानसून की दोपहर उन्हें बताने गया था कि ये ज़िंदगी मेरी है और इसे मैं जैसे चाहूं, वैसे जिऊंगा। हाथ में अपॉइंटमेंट लैटर था और आंखों में नया गुरूर। मैंने कहा, “मुझे नौकरी मिल गई है पिताजी। आपकी सिफ़ारिश के बिना।” पिताजी ने अपनी छड़ी फेंक दी थी और उसके दो टुकड़े हो गए थे। आज उसी याद का दहकता हुआ लम्हा– पिताजी की टूटी हुई छड़ी का हैंडलवाला हिस्सा–सामने अलमारी में पड़ा था। मेरी तरह शायद उन्होंने भी आजतक उस पल की नाराज़गी को जिंदा रखा था।motivational stories with moral

बरस दर बरस बीत गए। मानसून की उस दोपहर के बाद गुस्से का नक़ाब पहने मैं और मेरे पिताजी एक-दूसरे के लिए अजनबी हो गए। ना मैंने कभी उन्हें फ़ोन किया, ना उन्होंने अपने पसंदीदा काले फ़ाउंटेन पेन से मुझे चिट्ठी लिखी। मां से बात होती थी तो ऐसा नाटक करती थीं जैसे सब ठीक है। अगर पिताजी की आवाज़ पीछे से सुनाई भी दे जाती थी तो मैं उनका ज़िक्र भी नहीं करता था।“सर, कबाड़ीवाला आ गया है,” मज़दूर ने कहा।

मैं और वो कबाड़ीवाला, दोनों अलमारी को एकटक देख रहे थे। उसके कुछ रुपए कैद थे उसमें, और मेरी भूली हुई जिंदगी। वो जिंदगी… वो रिश्ते… वो चेहरे… वो शहर… वो गली… वो छज्जा… वो दहलीज़… वो खिड़की…, जिससे एक-एक करके मैं सारे नाते तोड़ चुका था। ना जाने कब अपनों से अजनबी बन चुका था। “सर लकड़ी अच्छी है साल की, पर बहुत पुरानी हो गई है। दीमक भी लग गया है। इसके मैं हज़ार रुपए तक दे सकता हूं।motivational stories with moral

Read Also:- मोस्ट रोमांटिक लव स्टोरी इन हिंदी

85 साल पुरानी, चमकीले रिश्तों और कितने खूबसूरत लम्हों में लिपटी अलमारी। इसका दाम उसने लगाया था, सौ रुपए के दस नोट! इतनी सस्ती तो नहीं होतीं यादें–है ना! गाड़ी ट्रैफ़िक लाइट पर खड़ी थी। गुस्से में रेणु ने फिर एक बार पूछा, “आर यू श्योर? आख़िर तुम्हारा ही आइडिया था ये…”

Sad family stories in Hindi

 

मैं कुछ कहता, उससे पहले ट्रैफ़िक लाइट हरी हो गई। बाक़ी का रास्ता एक नाराज़ ख़ामोशी में गुज़रा। सूर्या टावर की पांचवीं मंज़िल पर मिस्टर खुराना एक रीयल स्टेट एजेंट के साथ बैठे हुए थे। लड़का चाय लाया। एजेंट ने कहा, “इसे ले जाओ। ठंडा लाओ। साहब को जरा ठंडे दिमाग़ से सोचना है।” मैंने रेणु की तरफ़ देखा। वो जानबूझ के किसी मैगज़ीन के पन्ने पलट रही थी। इतने गुस्से में थी कि मेरी तरफ़ देखना भी नहीं चाहती थी।

मैंने एजेंट से कहा, “मैंने सब सोच लिया है बॉस। मैं ये मकान नहीं ले रहा हूं। मिस्टर खुराना बोले, “देखिए, मर्जी आपकी है, मुझे कोई ग्राहक मिल ही जाएगा। लेकिन आपको बता दूं कि इतने पैसों में इस एरिया में, थ्री बेडरूम फ़्लैट आपको मिल जाए तो ये मकान मुफ़्त रख लीजिएगा।” मैंने कहा, “खुराना साहब, मुझे ये मकान मुफ़्त भी नहीं चाहिए।”motivational stories with moral

Read Also:- मोस्ट रोमांटिक लव स्टोरी इन हिंदी

एजेंट अपना सिर पकड़कर बोला, “सर, अचानक ऐसा क्या हो गया? दो दिन में आपका गृहप्रवेश था। मैंने कहा, “मकान बहुत खूबसूरत है। बस सात फुट की मेरी एक यादों की एक अलमारी है, जो उसमें जा नहीं पाएगी। मैंने आज ये जान लिया है कि इसके बिना मैं अधूरा हूं।” स्टेट एजेंट के दफ़्तर से निकलकर, मैंने एक फ़ोन किया और कहा, “पिताजी मैं बोल रहा हूं। मैं ग़लत था, आप सही थे… मेरी सिर्फ़ ज़िंदगी मेरी नहीं है। मैं होली पर घर आ रहा हूं। आपकी पोती चार साल की हो गई है। बहुत कोशिश की पर आपकी तरह उसे कहानियां नहीं सुना पाया। बस इतनी सी थी ये कहानी 

आपको यह इमोशनल कहानी कैसी लगी हमें कमेंट करें।
Follow Me:-

Read Also:- Heart touching story Hindi

Read Also:- स्कूल लव स्टोरी इन हिंदी

Read Also:- best moral stories

Read Also:- रियल हार्ट टचिंग लव स्टोरी

Leave a Comment