2.True Emotional Story in Hindi of father and daughter

True Emotional Story of father and daughter | heart touching emotional story in Hindi | motivational story in Hindi

True Emotional Story of father and daughter | Emotional Kahani in Hindi
True Emotional Story of father and daughter | Emotional Kahani in Hindi

कहानी का शीर्षक है :- अस्पताल के दो कमरे (Part-2) 

 Read First –Part-1

 Read also:- रोमांटिक लव स्टोरी इन हिन्दी 

emotional motivation story in Hindi

भैया ही थे। बोले, फ़ौरन एमरजेंसी वॉर्ड पहुंचो और डॉक्टर को बता दो कि हम लोग गाड़ी का इंतज़ाम करके पापा को ला रहे हैं। अस्पताल वही था। वार्डबॉय वही। थोड़ी-थोड़ी हिंदी बोलने वाली नर्सें वही। डॉक्टर वही, जो मेरे गुड मॉर्निंग, गुड इवनिंग से थक गए होंगे। लेकिन एक पल में सारा नज़ारा बदल गया था।

रोने से कुछ होने वाला नहीं था, इसलिए मैं नहीं रोई। मेंरे पिता को अस्पताल में एमरजेंसी वॉर्ड में लाया जा रहा था। मुझे अगले कुछ मिनटों में सारा इंतज़ाम करना था। मैं दौड़ी-दौड़ी गई और एक काउंटर पर पैसे जमा किए, दूसरे काउंटर पर रसीद जमा की और फ़ॉर्म भरा। सब पता था मुझे अब। इस अस्पताल में क्‍या कहां होता है…

heart touching emotional story in Hindi

एमरजेंसी वॉर्ड में डॉक्टर-इन-चार्ज के पास गई और उन्हें सब बताया। डॉक्टर बोले, “अरे, पेशेंट अभी आ रहे हैं? लेकिन, आपको तो मैं कुछ दिनों से देख रहा हूं। मैंने कहा, “डॉक्टर साहब, बड़ी ख़ुशी-ख़ुशी आई थी मैं इस अस्पताल में। मेरी बड़ी बहन की डिलीवरी होने वाली है। लेकिन, अब पापा आ रहे हैं। ”

थोड़ी देर में बगलवाले नेगी अंकल की कार में पापा को लेकर भैया पहुंच गए। पापा की आंखें बंद थीं। उनकी खांसी उनकी ऐसी हालत कर देगी, कभी अंदाज़ा भी नहीं था। बाद में पता लगा कि तबियत तो सुबह ही बिगड़ गई थी। लेकिन दोपहर तक पापा की बेहोशी बढ़ती ही जा रही थी। शुगर का मरीज़ होने की वजह से ये अक्सर होता था उनके साथ। लेकिन इस बार उनकी चंद घंटों की बेहोशी ने डरा दिया था।

best story on parents in Hindi (Motivational Story In Hindi)

शुगर लेवल कम होने लगा था। मां ने कहा था, “अब देर मत करो। जल्दी अस्पताल ले जाओ इन्हें। ” पापा की ज़िंदगी का ये बस दूसरा मौक़ा था, जब वो अस्पताल में भर्ती हुए। डॉक्टर, अस्पताल–इन सबसे दूर ही रहे हमेशा। बुख़ार भी हुआ तो तब तक दवा लेना टालते रहे, जब तक हम लोग कहते-कहते नाराज़ न हो गएं।

डॉक्टर ने बताया कि सांस लेने में तकलीफ़ है इन्हें। पहले सक्शन करके देखते हैं। मैं और भैया कुछ समझ ही नहीं पाए। डॉक्टर ने कहा, “कुछ कहना मुश्किल है, बस दुआ करिए।”

मुश्किल होता है ग़म सहना। एक बेरहम ख़ंजर की तरह तार-तार कर देता है, मासूम रेशम से बने इस दिल को। लेकिन उससे भी मुश्किल होता है ग़म छुपाना। अस्पताल के दो कमरों के बीच, बंट गई थी मेरी ज़रा सी ज़िंदगी। पापा का ख़्याल रखना था और उससे भी ज़्यादा ये ख़्याल रखना था कि दूसरे कमरे में रेणु को ये भभक न लग जाए कि उसके बिस्तर से मुश्किल से बीस मीटर दूर उसके पिता अपनी ज़िंदगी के लिए जूझ रहे हैं।

heart touching stories of parents love in Hindi (Best Story In Hindi)

वो बोली, “अचानक सब यहां कैसे ? इतनी उतावली मत करो भाई। बच्चा अपने टाइम से ही आएगा। मेरी जान ले रखी है इसने। सारा बदला लूंगी इससे। ” फिर बोली, “आरे, पापा कहां हैं? घर पर पेपर पढ़ना ज़्यादा ज़रूरी है क्या? यहां बेटी दर्द के मारे टेढ़ी हुए जा रही है, उसकी कोई फ़िक्र नहीं है?”

हम रेणु के सामने हंस देते, फिर बाथरूम जाकर बहाना करके रो लेते। सिविल अस्पताल के एक कमेे में हमारे खानदान का नया चिराग आनेवाला था और दूसरे कमरे में हमारे खानदान का सूरज डूबने का मन बना रहा था। भाई-बहनों ने दिन के घंटे बांट लिए थे। सबका एक ही काम था। पापा किसी तरह होश में आ जाएं, इसलिए हर बच्चा घंटों उनके कान में बोलता रहता। “पापा, पापा… उठते क्यों नहीं?” “पापा, देखो जोशी अंकल आए हैं। ”

“पापा, मां ने पकौड़े बनाए हैं। ” “उठो तो, झोला मंदिर चलना है कि नहीं?” पापा आंखों से सुनते तो थे लेकिन कहते कुछ नहीं थे। हमेशा ज़िद के पक्के पापा ने जैसे तय कर लिया था कि अब किसी की नहीं सुनूंगा। अपने छोटे-से वॉकमैन के कैसेट में पापा के सारे फेवरेट गाने भरकर ले गई थी… “देख तेरे संसार की हालत क्‍या हो गई भगवान…”

child motivational story in Hindi

जो जैसा कहता, वो कर देते थे हम सब। बस पापा होश में आ जाएं एक बार। एक बार किसी ने कहा, “हनुमान जी को चमेली के तेल के चौबीस दीपक लगाओ। ” किसी ने कहा, “हनुमान अष्टक का पाठ करो।” किसी ने पापा के पैरों पर बेसन का लेप लगाने को कहा। जिसने जो कहा, सब किया। लेकिन पापा नहीं बोले।

गुज़रते घंटों के साथ उम्मीद की डोर और कमज़ोर पड़ती गई। उधर दूसरे कमरे में रेणु का बच्चा दुनिया में आने की तैयारी कर चुका था। देखिए न जीवन का खेला! एक कमरे में जीवन पैर पसारने को तैयार था और दूसरे में मृत्यु पैर जमाने की ज़िद कर रही थी। पापा का ऑपरेशन शुरू हो गया था और उधर मेरी चचेरी बहन की बारात आने वाली थी। ऑपरेशन थिएटर में तेज़ी से अंदर-बाहर जाती हुई नर्स ने आकर भैया को बताया था कि पापा को जल्दी से ख़ून चढ़ाना था। बी पॉज़ीटिव ब्लडग्रुप का कम-से-कम तीन बोतल ख़ून चाहिए था।…to be continued…Part-3

( कहानी अभी बाकी है मेरे दोस्त ) Click Here to Part-3> प्यार की कहानी हिंदी में

दोस्तों आपको हमारी(father and son short story in Hindi)कहानियाँ  कैसी लग रही हैं हमें मेंट करके ज़रूर बताएं और अपने दोस्तों के साथ इस कहानी को ज़रूर शेयर करें।

Most emotional story in Hindi Video

मेरे बारे में अधिक जानने के लिए हमें Follow करें ।

आपका दिन शुभ हो।

Leave a Comment