Emotional Hindi Kahani love story in Hindi heart touching | Cute love stories in Hindi
Friendship Love in Hindi (दोस्ती वाला प्यार) By- वसीम अकरम
Read also-Very Emotional Story in Hindi
Read Also:- मोस्ट रोमांटिक लव स्टोरी इन हिंदी
दोस्तो आज हम पढ़ेंगे हमारे मंडली के सदस्य वसीम अकरम की लिखी कहानी ‘दोस्ती वाला प्यार (Friendship Love)
शुरू करते हैं इस cute love stories को पढ़ना >
इंतज़ार में वक़्त बहुत मुश्क़िल से कटता है। मानो लम्हों को रोक रखा हो किसी ने, इतनी देर में कितनी ही ट्रेने तो आकर जा भी चुकी थी मगर अमित को जिससे जाना था उसका कुछ भी अता-पता नहीं था।
hindi kahani |
Announcement पर कान लगाए Waiting रूम में एक बेंच पर बैठे-बैठे घबराहट में कभी वो घड़ी देखता तो कभी मोबाइल में Running Status देखता। उसकी ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर पहुँचने में अब भी कोई डेढ़-दो घंटे का लम्बा वक़्त था।
A story in Hindi love
इससे अच्छा तो फ्लाइट से चला गया होता। मोबाइल स्क्रीन पर देखते हुए वो बुदबुदाया। उसकी झल्लाहट बढ़ने लगी थी क्योंकि वो उस शहर से जितनी जल्दी निकल जाना चाहता था, उसे उतनी ही देर हो रही थी।
कई दफ़ा वक़्त मुट्ठीयो मे रेत की तरह नहीं रहता, चिपक जाता है गुड़ की गिली डली की तरह।
आखिर अब था ही क्या उस शहर मे उसका जहां कोई अपना दिल तोड़ दे वहां का कुछ भी अपना कहाँ रह जाता है, और हर चीज़ काटने दौड़ती है, सड़कें , गाड़ियां , बाज़ार , ऑफिस , मकान , लोग, सब कुछ, और अब ये प्लेटफॉर्म भी।
तबियत ठीक नहीं थी बॉस को ये बता कर एक लंबी छुट्टी का इरादा करके निकला था, और चलते-चलते Resignation लेटर भी मेल ड्राफ़्ट में सेव कर लिया था।
Emotional hindi kahani love story in hindi heart touching |
अगस्त की वो शाम बारिश की कुछ बौछारें लेकर आयी मग़र वो अमित को अच्छी नहीं लगी। हालांकि बारिश उसे बेहद पसन्द थी। कॉलेज के दिनों में अक्सर वो बाइक लेकर संगम तट की तरफ़ निकल जाता था,
Read Also:- मोस्ट रोमांटिक लव स्टोरी इन हिंदी
और वहां एक किनारे बैठ कर गंगा की लहरों पर बारिश की नन्ही-नन्ही बूंदों की टपकन से निकलते संगीत में खो जाता था, बूँदों का नदी से मिलन का संगीत।
Short story in Hindi
उसके कानो मे वो संगीत जैसे अब भी बज रहा था कि तभी चाय वाला बिल्कुल पास आकर “चाय गरम” बोला तो अमित ने उसे घूरते हुए एक नज़र देखा और फिर मोबाइल मे आँखें गढ़ा दीं। भीतर मन सुलग रहा हो तो कोई भी चीज़ अच्छी नहीं लगती।
hindi kahani |
भईया एक चाय देना! एक लड़की की आवाज़ थी, उसके ठीक पीछे वाली बेंच पर एक लड़की कब आकर बैठ गयी थी उसे पता ही नहीं चला। अमित को लगा जैसे कुछ जानी-पहचानी आवाज़ हो कोई! बहुत पुरानी सी। चाय देकर चायवाला प्लेटफॉर्म की ओर भागा वहां फिर कोई ट्रेन आ खड़ी हुई थी।
कौन हो सकती है वो लड़की? अमित अपने दिमाग़ पर ज़ोर डालने लगा! लेकिन ट्रेन के इंतज़ार ने उसे इतना बोझिल बना दिया था कि वो कुछ सोच ही नहीं पाया।
Love story in Hindi
उसको उलझन सी होने लगी उसका मन हुआ कि वो थोड़ी देर प्लेटफॉर्म पे घूम आए मगर दो बड़े बड़े-बड़े बैग लेकर इधर-उधर टहलना कुछ मुश्किल था इसलिए बैठा रहा।
उसने आहिस्ते से पीछे देखा बेंच पर बैठी वो लड़की ट्रेन inflow डिस्प्ले पर बड़े ग़ौर से देख रही थी। शायद उसे भी अपने ट्रेन का इंतज़ार था।
Love story in hindi short |
प्लेटफॉर्म पर आते-आते वो कुछ भीग गई थी जिसकी वजह से कन्धों और पीठ पर फैले उसके गिले बालो की एक भीनी खुशबु नम हवा मे बिखर गई थी। उसे कुछ देर सामान देखने के लिए कह के चला जाऊँ क्या? सोचते हुए अमित उठा लेकिन वापस बैठ गया।
अमित ने महसूस किया कि बार-बार एक लट उसके गाल पर लटक आती थी जिसे वो अपनी उँगलियों से कान के पिछे ले जाकर जब संवारती थी तो उसके हाथो की चूडिय़ां खनक उठती थी।
अमित उसकी तरफ़ दुबारा घुमा ही था के उसके आहट पर वो फिर से लटक आयी लट को कानो के पीछे ले जाती हुई पलटी, और तुम! दोनों ने चौक कर एक साथ कहा किसी मोड़ पर पुराने दोस्त से अचानक मिलना कितना अच्छा लगता है ना,
Read Also:- मोस्ट रोमांटिक लव स्टोरी इन हिंदी
जैसे बरसों से अलमारी मे बंद कोई बहुत पुराना एल्बम हाथ लग जाये, वो जिसमें हमारी पुरानी सकलें मुस्करा रही होती है अमित के सामने एक खूबसूरत तस्वीर उभर आयी तो उसकी उलझन कहीं गुम हो गई।
वही आवाज और ग़ज़ल के दो मिसरों की तरह वही होंठ जिनपर हर वक़्त कोई धुन ठहरी रहती थी। वही चेहरा और उसपर वही एक कत्थई आखें जिनमे अलहदा से ख़्वाब रहा करते थे।
Moral of the story in Hindi
वही पेशानी और उसपर वही हल्की शिकन जिसमें ना जाने कितने सवाल बसा करते थे। बीते सात-आठ सालों में उम्र के तकाज़ो ने उसको ज़्यादा नहीं बदला था।
हाँ अगर कुछ बदला था तो ये कि उसके माँग मे सिन्दूर और गले मे मंगलसूत्र आ गया था और उसकी कलाईयां चूड़ियों से भर गयी थी। वो अमित की दोस्त काव्या थी। इलाहाबाद मे एक ही कॉलेज के पास-आउट थे दोनों।
Emotional hindi kahani love story in hindi heart touching |
तुम यहाँ कैसे? पहले अमित ने पूछा। इलाहाबाद जा रही हूँ मम्मी के पास और तुम? काव्या ने कहा! मैं भी अमित ने जवाब दिया। कुछ देर की खैर-खैरियत के बाद दोनों के मन पर कुछ सवाल आ कर बैठ गए।
अमित ने उनमे से एक सवाल चुन लिया।
शादी कब की? डेढ़ साल हो गए और तुम! तुमने की शादी? काव्या ने रुक-रुक कर पूछा।
नहीं अभी नहीं अमित ने बस इतना ही कहा और दूसरी तरफ़ देखने लगा मानो वो इसके आगे के सवाल! क्यों नहीं की? से बचना चाहता था।
बारिश कुछ तेज हो गयी थी और दोनों के मन पर एक नमी सी ज़म गई। दोनों की ट्रेन एक ही थी जिसका अब भी कुछ अता-पता नहीं था। कुछ धीमी आवाज़ मे चाय बोलते हुए चाय वाला वहां से गुज़रा तो काव्या ने उसे रुकने के लिए कहा।
तुम चाय कब से पीने लगी तुम्हें तो कॉफी पसन्द थी ना! अमित ने पूछा। तुमको याद है! काव्या ने ऐसे पूछा जैसे अमित को सारी पुरानी बातें याद हो।
Most romantic love story in Hindi
हाँ मुझे तो हर बात याद है! कॉफी खत्म हो जाने पर कैन्टीन वाले भईया को कैसे डांटती थी तुम।
फिर मुझे तुम्हारे लिए बाहर से कॉफी लानी पड़ती थी। कितनी जिद्दी थी ना तुम! अमित ने कहा तो वो मुस्कुराने लगी।
चाय पीते हुए अब दोनों कुछ सहज होने लगे थे। तुम्हें याद है फ्रेंड्स के ग्रुप मे वो डिसिल्वा जो तुम्हें काव्या नहीं कब्बा कहता था! तुम कितनी चिढ़ जाती थी।
अमित ने छेड़ते हुए कहा! हाँ-हाँ याद है काव्या ने कहा और उसकी आखें अमित के चेहरे पर टिक गई, जैसे पूछना चाहती हो कि और क्या-क्या याद है।
तुम्हारा परेशान होना अच्छा नहीं लगा था मुझे तो एक दिन डिसिल्वा से कहा कि वो तुम्हें कविता कहा करे या Miss Poem कहा करे, और उस दिन कितनी खुश हो गई थी तुम। चाय की आखिरी सिप के साथ अमित ने कहा।
मिस Poem हौले से दोहरा कर काव्या मुस्कुराने लगी।
काव्या का मन स्टेशन से निकल कर उसके कॉलेज के दिनों मे पहुँच गया। उसे उम्मीद नहीं थी कि कोई इस तरह अचानक मिल जाएगा और बरसों से सांत परे उसके मन के तारों को छेड़ जायेगा।
Emotional hindi kahani love story in hindi heart touching |
जब पुरानी यादें आकर कुछ देर के लिए आँखों मे ठहर जाती हैं तो सामने का हर मंज़र वैसे ही दिखने लगता है जैसे हम किसी खुबसुरत वक़्त को जी चुके होते हैं।
काव्या की आँखों मे प्लेटफॉर्म अब कॉलेज Campus बन गया था,
जिसमें सात-आठ दोस्तों के साथ मस्तियाँ करता अमित नज़र आने लगा।
Read Also:- मोस्ट रोमांटिक लव स्टोरी इन हिंदी
वो भी क्या दिन थे जब जिंदगी-जिंदगी हुआ करती थी और ख्वाब की गलियाँ कितनी रौशन थी। कितना प्यारा ग्रुप था ना हमारा, काव्या ने अमित की तरफ़ प्यार से देखते हुए कहा! हम्म अमित ने जवाब दिया और उसकी तरफ़ देखने लगा।
आज सब अपनी-अपनी दुनिया मे कितने खुश है ना काव्या ने नर्म लहजे मे कहा! हाँ हम बहुत लक्की हैं कि हमको बहुत अच्छे दोस्त मिले, तुम जैसे दोस्त। अमित ने जैसे काव्या का हम ख्याल बन कर कहा।
Story in Hindi love romantic
हम्म सच-मुच हम बहुत लक्की हैं काव्या ने खुद से कहा जिसे अमित सुन नहीं पाया।
मुस्कराते हुए वो बेंच से उठा और काव्या का खाली कप लेकर डस्टबीन की तरफ़ चला गया। काव्या की नजरें उसके पीछे-पीछे चली गई, एक पल को उसे ऐसा लगा जैसे अमित उसके लिए कॉफी का पैकेट ख़रीदने चला गया हो।
ये (Friendship Love) दोस्ती वाला प्यार भी ना कभी ख़त्म नहीं होता उसको तो जैसे दोस्तों की उम्र लग जाती है, और मौक़ा मिलते ही वो उग आता है एक दूसरे की आँखों में।
काव्या को अमित की बातें याद आने लगी कितना मस्ती करता था, और कैसे कॉलेज मे दोस्तों की हर छोटी-बड़ी समस्या पर कितने प्यारे-प्यारे मशवरे देता था।
उसने अमित की तरफ एक नज़र भर कर देखा। अमित को भी महसूस हुआ कि काव्या पहले जैसी नहीं लग रही थी।
उसकी बेबाकी कहीं खो गई थी और शायद शादी के बाद उसकी कुछ आदतें भी बदल चुकीं थीं, कितनी चुप थी वो।
Love story in hindi short |
बारिश अब कुछ हल्की हो गई थी और प्लेटफॉर्म पर इक्का-दुक्का लोग ही आ-जा रहे थे। ट्रेन का इन्तजार करते कुछ लोग घूम रहे थे तो कुछ परेशान थे और बार-बार मोबाइल पर Running Status देख रहे थे।
Read Also:- मोस्ट रोमांटिक लव स्टोरी इन हिंदी
तभी काव्या का मोबाइल बज़ उठा बेंच से उठकर वो एक कोने मे चली गई और कॉल Receive करके बात करने लगी। अमित ने देखा कि बात करते-करते वो कुछ परेशान हो गई थी और उसके चेहरे का रंग उड़ने लगा था।
बात करके जब वो वापस लौटी तो उसके माथे पर एक नामालूम सी शिकन चली आयी और उसकी आँखों के किसी कोने मे आँसू का एक क़तरा उमर आया जो कह रहा था कि गुज़रा हुआ हर एक वक़्त खुबसूरत नहीं होता।
काव्या ने मोबाइल अपने पर्स मे रखा और बेंच पर निढाल बैठ गयी। बॉटल से पानी पिया और डिस्प्ले की तरफ़ देखने लगी।
क्या हुआ काव्या? सब ठीक तो है ना! अमित ने अटकते हुए पूछा। उसे इस तरह उदास देखकर वो कुछ बेचैन सा हो गया। हाँ ठीक है, काव्या ने कहा और अपनी लट को कानो के पीछे फेंक कर वो पर्स से रुमाल निकालने लगी,
लेकिन आँसू रुमाल का इन्तजार कहां करते हैं वो तो फौरन ही लुढ़क आते हैं गालों पर! काव्या का रोना अमित को परेशान कर गया।
वो चाहता था कि आगे बढ़कर उसके आँसुओं को पोंछ दे मगर रुक गया। सारे दोस्त लक्की नहीं है काव्या ने कहा। उसके कहते ही प्लेटफॉर्म पर एक ख़ामोशी बर्फ की तरह जम गई।
hindi kahani |
बीते हुए दिनों के सुख और दुख एक साथ याद आ जाए तो मन बहुत मुश्किल में पर जाता है कि क्या करे। सुखों पर मुस्कुराये या फिर दुःखों पर उदास हो जाए, क्या करे? अमित काव्या की आँखों की नमी महसूस कर रहा था आखिर क्या वजह थी कि वो उदास थी।
क्या था जो उसे भीतर-भीतर खाए जा रहा था।
अमित जिस काव्या को जानता था वो दिल और दिमाग़ से बहुत मजबूत लड़की थी टूट नहीं सकती थी, और अब उसके सामने बेंच पे जो काव्या बैठी थी वो कमज़ोर लग रही थी, रो रही थी।
आँसू कमज़ोरी की आलामत है और दोस्ती वाला प्यार एक दोस्त की आँखों में कभी आँसू नहीं देख सकता। उसका अपना मन दोस्त के लिए कहीं चुपके से रो देता है।
अमित की नज़र उसकी नम आँखों पर जा ठहरी, उसने उसका बैग परे किया और बेंच पर बिल्कुल उसके करीब सड़क आया। Hey what happen?सारे दोस्त लक्की नहीं इसका क्या मतलब है काव्या क्यों कह रही हो ऐसे?
Read Also:- मोस्ट रोमांटिक लव स्टोरी इन हिंदी
काव्या ख़ामोश रही लेकिन उसके गाल भीग गए। क्या तुम मुझे भी नहीं बताओगी क्या हुआ क्या है, अमित ने प्यार से पूछा। काव्या ने आँसू पोंछे और उसकी ओर देखने लगी।
उसे कॉलेज के दिनों का वो अमित याद आ गया! ऐसे ही तो पूछता था वो प्यार से जब वो किसी बात पे नाराज़ हो जाती थी।
लेकिन ना चाहते हुए भी उसे सब कुछ बताना पड़ता था उसको। आज भी काव्या कुछ नहीं छुपा पायी सब बताती चली गई। काव्या के पापा ने अपने दोस्त के बेटे से उसके रिश्ते की बात की थी।
मना करने की कोई वजह नहीं थी। लेकिन कुछ दिन बाद उसे मालूम हुआ कि उसके पति को किसी और से प्यार था और काव्या से शादी तो उसने अपने जिद्दी पिता के दबाव मे आके की थी।
छोटी-छोटी बातों को लेकर आए दिन वो लड़ने लगा। कुछ दिन तो काव्या ने किसी तरह बर्दाश्त किया लेकिन कब तक करती। वो ऐसे रिश्ते का बोझ नहीं उठाना चाह रही थी जिसमें प्यार कभी था ही नहीं।
शादी के रिश्ते में सब कुछ मिल जाए लेकिन अगर प्यार ना मिले तो निभाना बहुत मुश्किल हो जाता है।प्यार ही तो नहीं मिला था उसे और बात तलाक तक आ पहुंची थी।
कल कोर्ट में उसी की Hearing थी! तो वो तुम्हारे Husband ने Call किया था अभी, अमित ने पूछा। हम्म कहकर काव्या सिसकने लगी।
बाहर बारिश थम गई थी और भीतर अमित का दिल भीगने लगा वो खुद भी तो काव्या की तरह Unlucky था। वो भी अपना ग़म बाटना चाहता था लेकिन उस वक़्त काव्या को सम्हालना उसे ज़रूरी लगा क्योंकि उसकी तकलीफ़ सबसे बड़ी थी।
अक्सर लोग प्यार को नहीं पहचान पाते काव्या।
तुम फ़िकर मत करो सब ठीक… अमित कहते-कहते चुप हो गया जानता था इतना आसान नहीं होता सब ठीक हो जाना। चुप्पी में तकलीफें चेहरे पर आकर ठहर जाती हैं और तब उदासी छुपाने से भी नहीं छुपती।
काव्या ने अमित के चेहरे का भाव पढ़ लिया, तुम्हें क्या हुआ? काव्या ने कहा। तुम ठीक कह रहीं थीं सारे दोस्त लक्की नहीं हैं! मैं भी नहीं।
अमित यहां-वहां देखते हुए बोला कोई दर्द जुबान पर आ जाए तो नजरे इधर-उधर देखने लगती है और कुछ कहते नहीं बनता। काव्या ने अमित की हथेली पर अपनी हथेली रख दी।
कह दो अमित शायद कहने से तकलीफ़ कम हो जाए। हम्म अमित ने बस इतना ही कहा और उसकी आँखों मे देखने लगा एक बहुत अपनी सी आँखों में, बरसों बाद मिले दो दोस्तों के दुःख आपस मे घुलने लगे थे।
प्यार जितना ही खुबसूरत होता है अलगाव उतना ही तकलीफ़ देह। दिल के साथ कितनी ही उम्मीदें टूट जाती है। कितने ही सपने बिखर जाते हैं। अमित को बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि निशा इस तरह उसकी ज़िंदगी से दूर चली जाएगी।
Read Also:- मोस्ट रोमांटिक लव स्टोरी इन हिंदी
अचानक, ये कह कर की उसके पापा इस रिश्ते के लिए राज़ी नहीं हैं।
निशा ने अमित को कुछ कहने का एक मौक़ा भी नहीं दिया था। इसलिए वो टूट गया था और हर चीज़ से दूर भागने लगा था। पता है मैं निशा से इतना प्यार करता था कि उसके बिना एक पल के लिए जीना मुश्किल था। I love निशा Very much अमित ने कहा।
उसकी हथेली काव्या की हथेलियों मे बंद थी। उसका नाम निशा था, काव्या ने धीरे से कहा। मुझे समझ मे नहीं आया के मैं क्या करूँ। हमारे बीच अचानक वो उसके पापा कैसे आ गए नहीं-नहीं मुझे लगता है की पापा सिर्फ़ एक बहाना थे, वो-वो ख़ुद दूर हो रही थी मुझसे, शायद महसूस कर रहा था मैं कुछ दिनों से पर नहीं रोक पाया उसे।
कहते-कहते अमित एकदम रुआँसा हो गया, उसने काव्या को अपना सारा हाल कह दिया सब कुछ! वो कहता रहा और काव्या चुप-चाप सुनती रही। अपनी हथेलियों में उसकी तकलीफ़ महसूस करती रही।
कुछ देर की ख़ामोशी के बाद काव्या ने पूछा तो तुम छुट्टी लेकर नहीं जा रहे बल्कि शहर से दूर भाग रहे हो। अमित ने कोई जवाब नहीं दिया उसकी तरफ़ देखता रहा एक टक।
love story hindi me |
अमित को याद हो आया कॉलेज में अक्सर काव्या ऐसे ही पूछती थी, तो तुम्हें सिन्हा सर से नहीं पढ़ना तुम्हें तो क्लास बंक करके Campus में जाकर मस्ती कटनी है ना।
कॉलेज Friends के साथ उनका कॉलेज हमेशा एक किरदार की तरह होता है जो बात-बात पर याद दिलाता है कि कौन कैसा था।
कुछ देर तक दोनों ख़ामोश रहें, काव्या Display पर देखने लगी। कुछ ही देर में उनकी ट्रेन प्लेटफॉर्म पर आने वाली थी। काव्या ने ख़ामोशी तोड़ते हुए कहा, वो कहते हैं ना कि जो अपना होगा वो लौट आएगा, जो ना लौटे तो समझना की वो कभी अपना था ही नहीं। काव्या का समझाना अमित को अच्छा लगा।
हिम्मत देने वाला कोई मिल जाए तो हिज्र की तकलीफ़ भी राहत देने लगती है। और तुम्हारी जॉब, काव्या को अब दूसरी फ़िक्र होने लगी। Let’s see अभी तो अब घर जाना है फिर सोचेंगे,
अमित ने कहा! तभी प्लेटफॉर्म पर ट्रेन आकर रुकी दोनों ने अपना सामान उठाया और ट्रेन की तरफ़ बढ़ गए।
अमित अपनी बोगी के सामने रुक गया S7 तुम्हारी सीट किस बोगी मे है, अमित ने पूछा।
टिकट Conform नहीं हुए काव्या ने कहा और दूसरी तरफ़ देखने लगी। अमित ने अपना सामान भीतर रखा और फिर गेट पर खड़े हो कर अपना दायाँ हाथ काव्या की तरफ़ बढ़ा दिया। काव्या ने बिना देर किए अमित का हाथ थामा और ट्रेन मे चढ़ गई।
Read Also:- मोस्ट रोमांटिक लव स्टोरी इन हिंदी
घुप अंधेरे मे ट्रेन तेज़ रफ़्तार से आगे बढ़ रही थी और दर्द पीछे छूटता जा रहा था। सब सो रहे थे लेकिन अमित और काव्या की आँखों मे नींद नहीं थी। एक दो दफा अमित ने पूछा कि वो ठीक तो है ना तो काव्या ने हाँ मे ज़वाब देकर बस मुस्कुरा दिया।
रह-रह कर दोनों की निगाहें मिलतीं थीं और दोनों ज़रा-ज़रा सा मुस्कुरा देतें, मरहम जैसी मुस्कुराहटें। इतने साल कितनी तेज़ी से गुज़र गए ना, काव्या ने कहा।
हम्म गुज़रे वक़्त की कोई डोर हमारे हाथ मे होती तो हम उसको खींच लाते, अच्छे दिन थे ना वो, अमित ने कहा और काव्या की तरफ़ देखने लगा! हम्म काश और-और कॉलेज के बाद हमें मिलते रहना था, है ना।
काव्या ने खिड़की के बाहर ताकते हुए कहा। हम्म पता नहीं क्यों नहीं मिले, अमित की आवाज़ से ज़रा सा अफ़सोस थोड़ी सी तकलीफ़ बाहर रिस आयी।
love story hindi me |
सुबह की 6:30 बज रहे थे जब ट्रेन इलाहाबाद जंक्शन पर आ खड़ी हुई थी। बदल घिरे हुए थे और कुछ अंधेरा भी था मग़र दो दिलों मे एक नूर फ़ूट रहा था।
हवा बेहद खुशगवार थी और कहीं दूर से चाय की भीनी-भीनी खुशबु आ रही थी।
तुम जॉब मत छोड़ना कुछ दिन छुट्टी मनाके वापस चले जाना। स्टेशन से बाहर जाने की सीढिया उतरते हुए काव्या कह रही थी। हाँ नहीं छोरुंगा और अगले महीने प्रमोशन भी होने वाला है।
कितना परेशान था हर चीज़ से दूर भाग रहा था और ना जाने क्या-क्या सोच रहा था। अच्छा हुआ तुम मुझको मिल गई। अमित कहता जा रहा था जैसे-जैसे उसे हर बात काव्या से कहने की जल्दी थी। हाँ जल्दी थी भी।
सफ़र ख़त्म हो जाता है तो लगता है अभी कितनी बाते बाकी रह गई हैं। चलते-चलते सब कह देनी चाहिए तुम अब क्या करोगी अमित ने पूछा। अमित के मन मे एक बेचैनी आ गई थी कि काव्या का क्या होगा।
आज Hearing है Divorce मिल जाएगी। काव्या ने बहुत सहेज हो कर कहा। हाँ Good फिर अपने लिए जीना अच्छी तरह से अपनी तरह से पहले जैसी एकदम मस्तमौला होकर।
अमित ने हौले से उसके कन्धे से अपना कन्धा टकराते हुए कहा और फिर पूछा चाय पियोगी, तो काव्या ने झट से हामी भर दी।
अमित ने महसूस किया कि काव्या कल वाली काव्या नहीं थी जो प्लेटफॉर्म की एक बेंच पर तन्हा बैठी थी। अब तो कॉलेज वाली काव्या चमकदार आँखों वाली काव्या उसके साथ थी, फिर से।
काव्या ने भी देखा कि पुराना अमित वापस लौट आया था। उदासी भरे लम्हें मे पुराने कॉलेज Friend से अचानक मिल जाना कितना अच्छा होता है। जैसे कोई बड़ी ताकत मिल गई हो।
Thank you एक अच्छी Journey के लिए। काव्या ने कहा। उसकी आँखों में एक चमक थी। तुम्हें भी शुक्रिया कहाँ जा रहा था कहाँ पहुँच गया क्योंकि तुम मिल गईं, अमित ने लाड़ से कहा तो काव्या मुस्कुरा दी तभी बदलो से छनकर सूरज की किरणें भी फुट पड़ी।
काव्या ने अमित को गले से लगा लिया हम दोनों भी लक्की हैं अमित। दोनों की आंखों की कोरों में कहीं कोई एक कतरा उमर आया। प्यार का कतरा दोस्ती वाले प्यार का नाज़ुक सा कतरा।
बस इतनी सी थी यह कहानी…
आपको यह इमोशनल कहानी कैसी लगी हमें कमेंट करें।